Condition/ Conditioning.
सन् दिशन् / तिङ् इस पोस्ट को हिन्दी भाषा में लिखना आवश्यक तो नहीं, उचित अवश्य होगा। सन् और दिशन् सन् और दिश् धातु के शतृ प्रत्यय के रूप हैं। तात्पर्य है - होता हुआ और दिशा देता हुआ। तिङ् सुप्तिङ् प्रत्यय है सुप् का प्रयोग स्वौजस् सूत्र में और तिङ् का प्रयोग किसी धातु के वर्तमान काल, अन्य पुरुष एकवचन के लिए किया जाता है। जैसे - रामः गच्छति - इस वाक्य में गच्छति पद गम्-गच्छति का तिङ् प्रत्यय सूचक प्रयोग है। सन् पद को सं उपसर्ग के रूप में भी देखा जा सकता है। जैसे "संगच्छध्वम्" में दृष्टव्य है। अंग्रेजी भाषा में ing किसी धातु के कार्य की निरंतरता का द्योतक होता है। जैसे - I am coming / going. इस वाक्य में। इसे अंग्रेजी भाषा के व्याकरण में - Infinitive / Gerund के रूप में जाना जाता है, जो संस्कृत भाषा के तिङ् प्रत्यय का ही प्रयोग है, जिसमें तिङ् से ङ् का लोप हो जाता है। अक्षरसमाम्नाय के - हलन्तः लोपसूचकाः सूत्र से भी यह स्पष्ट है। Infinitive और Gerund भी पुनः - अनुप्रणीत इव तथा गत रुद्धम् के सज्ञात / सजात / cognates हैं। अब दो शब्द और, पहला अंग्रेजी भाषा क...